कहना है बहुत
कहा कुछ नहीं
फिर भी
कहते रहो तुम
सिर्फ सुनूँ मैं
दुनिया है हसीं
वक़्त है नहीं
तो जाओ
उधर देखो तुम
तुम्हे देखूं मैं
बरसे बदलियाँ
नयन न कभी
बरसाएं जल
हरे रहो तुम
सूख जाऊं मैं
मंजिल हो गगन
क़दमों में ज़मीन
हौसला लिए
आगे बढ़ो तुम
पीछे रहूँ मैं
वादों को कहो
ज़हन में कभी
कुलबुलाएं न
भूल जाना तुम
याद रखूँ मैं
(Picture courtesy Google)