एक थी सोन चिरैया .......................
क्यूंकि सीखा हुआ सब गलत साबित हुआ
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Tuesday, 6 November 2012
कुछ टूटा है
कहीं कुछ टूटा है
दर्द नहीं हुआ
आंसू नहीं गिरे
जैसे प्यार का दरिया
कुछ और सिमट गया
कहीं कोई सहम गया है
तूफ़ान नहीं आया
तबाही नहीं हुई
जैसे आंसू का समंदर
उफान से पहले
ठहर गया
2 comments:
Bharat
9 November 2012 at 13:29
आह
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Vandana KL Grover
23 November 2012 at 23:10
कहीं कोई सहम गया है..
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आह
ReplyDeleteकहीं कोई सहम गया है..
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